Maha Kumbh Stampede (महाकुंभ में भगदड़)
Maha Kumbh 2025 Stampede Updates: महाकुंभ के संगम क्षेत्र में धार्मिक समागम बुधवार (29 जनवरी) तड़के कई लोगों के लिए दुःस्वप्न में बदल गया। मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान के लिए करोड़ों तीर्थयात्रियों के पहुंचने की वजह से भगदड़ मच गई। महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद मची अफरा-तफरी के कारण कई परिवार बिछड़ गए। इस त्रासदी के बाद लोग व्याकुल और बेचैन होकर अपने लापता प्रियजनों की तलाश में खोया पाया सेंटर की ओर उमड़ पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह भगदड़ मंगलवार रात 12 से 1 बजे के बीच उस समय मची जब लोग पवित्र गंगा संगम पर स्नान कर रहे थे
Maha Kumbh 2025 Stampede Updates: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मंगलवार
की देर रात हुई भगदड़ की एक बड़ी वजह 144 वर्ष का संयोग है जिसका सरकार के साथ ही साधु महात्माओं ने भी बखान किया था। लोग इसी शुभ मुहूर्त में संगम स्नान के लिए घाट पर बैठे एवं लेटे रहे तभी बैरिकेड्स तोड़कर आई बेकाबू भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। संगम क्षेत्र में इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी असम से आई मधुमिता ने पीटीआई को बताया कि संगम घाट पर लोग सुबह होने के इंतजार में बैठे और लेटे थे। तभी लोगों की भीड़ अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बने बैरिकेड्स को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे हुए लोग इस भीड़ की चपेट में आ गए।
बेगूसराय से आई बुजुर्ग महिला बदामा देवी ने कहा, “बेटवा ई जनम में तो ऐसा मौका नाहीं मिली। यही खातिर हम इतनी दूर से गंगा माई में स्नान करय खातिर आई रहे। हमका का पता कि इहां इतना बड़ी अनहोनी होई जाई। लगत है गंगा माई की इहै मंजूर रहन।” झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन ने भगदड़ की घटना को लेकर कहा कि 144 साल बाद यह पुण्य स्नान का अवसर आया है जिसे कोई भी गंवाना नहीं चाहता। यही वजह है कि देश दुनिया से लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर पड़े थे। तभी बैरिकेड्स तोड़कर आए जनसैलाब के नीचे वे दब गए।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर फैले जूते चप्पल और लोगों के कपड़े खुद ही घटना की सच्चाई बयां करते हैं। घटना में कई महिलाओं समेत अनेक लोग घायल हो गए जिन्हें सुरक्षाकर्मी एंबुलेंस में लेकर अस्पताल गए। राम सुमिरन ने कहा, “अखाड़ों के नागा संन्यासियों का दर्शन करने की अभिलाषा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर डटे रहे। मुझे लगता है कि बहुत भाग्यशाली हैं वे लोग जो गंगा के तट पर आकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।”
प्रशासन को पहले ही हो गया था हादसे की आशंका
Maha Kumbh Stampede
जिला प्रशासन को करोड़ों की भीड़ से हादसा का अंदेशा पहले ही हो गया था। यही वजह है कि प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने छोटे लाउडस्पीकर से बाकायदा मुनादी करते हुए कहा, “सभी श्रद्धालु सुन लें.. यहां (संगम तट) लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है।”
उन्होंने कहा, “जो सोवत है, वो खोवत है। उठिए उठिए और स्नान करिए। आपके सुरक्षित रहने के लिए यह जरूरी है। बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने की आशंका है। आप पहले आ गए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान कर लेना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठें.. उठें.. उठें और स्नान करके वापस जाएं।”
Maha Kumbh Stampede
मोबाइल पर भगदड़ की घटना का समाचार आने के बावजूद मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार दोपहर 12 बजे तक 10 लाख कल्पवासियों समेत 4.24 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला शुरू होने से अब तक 19.94 करोड श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं |
Mahakumbh 2025 Stampede Update: श्रद्धालुओं ने बताया आधी रात को क्या हुआ था?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र में बुधवार (29 जनवरी) को मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ कैसे मची और आधी रात को क्या हुआ था। दरअसल, मौनी अमावस्या पर स्नान का बहुत बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मौन होकर स्नान और दान करने मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है। योगी सरकार का अनुमान था कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे अमृत स्नान पर लगभग 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचकर स्नान करेंगे। इसी के चलते श्रद्धालु लगातार महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे थे।
संगम क्षेत्र में इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी असम से आई मधुमिता ने बताया कि संगम घाट पर लोग सुबह होने के इंतजार में बैठे और लेटे थे। तभी लोगों की भीड़ अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बने अवरोधकों को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे हुए लोग इस भीड़ की चपेट में आ गए। बेगूसराय से आई बुजुर्ग महिला बदामा देवी ने पीटीआई को बताया. “बेटवा ई जनम में तो ऐसा मौका नाहीं मिली। यही खातिर हम इतनी दूर से गंगा माई में स्नान करय खातिर आई रहे। हमका का पता कि इहां इतना बड़ी अनहोनी होई जाई। लगत है गंगा माई की इहै मंजूर रहन।”
Maha Kumbh Stampede (Anxious)
झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन ने भगदड़ की घटना को लेकर कहा कि 144 साल बाद यह पुण्य स्नान का अवसर आया है जिसे कोई भी गंवाना नहीं चाहता। यही वजह है कि देश दुनिया से लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर पड़े थे। तभी अवरोधक तोड़कर आए जनसैलाब के नीचे वे दब गए।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर फैले जूते चप्पल और लोगों के कपड़े खुद ही घटना की सच्चाई बयां करते हैं।
घटना में कई महिलाओं समेत अनेक लोग घायल हो गए जिन्हें सुरक्षाकर्मी एंबुलेंस में लेकर अस्पताल गए। राम सुमिरन ने कहा, “अखाड़ों के नागा संन्यासियों का दर्शन करने की अभिलाषा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर डटे रहे। मुझे लगता है कि बहुत भाग्यशाली हैं वे लोग जो गंगा के तट पर आकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।”
Maha Kumbh Stampede (Anxious)