DeepSeek AI: New AI आखिर कैसा है यह चाइनीज एआई जिसने उड़ाई ट्रंप की नींद, एक दिन में हिल गई पूरी दुनिया
चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने टेक जगत में तहलका मचा दिया है. कंपनी के सस्ते AI मॉडल ने अमेरिकी कंपनियों की नींद उड़ा दी है. इसका असर शेयर मार्केट पर भी पड़ा है.
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AI के दौर से गुजर रहे टेक जगत में चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने भूचाल ला दिया है. इसी महीने डाउनलोड के लिए उपलब्ध हुए कंपनी के AI मॉडल ने OpenAI के ChatGPT को पछाड़ दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अपने देश की कंपनियों के लिए खतरे की घंटी बताया है, वहीं OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन भी खुद को DeepSeek की प्रशंसा किए बगैर नहीं रोक पाए. आइये जानते हैं कि DeepSeek कब शुरू हुई और कैसे इसने टेक जगत में धूम मचाई है. ollama deepseek radeon

2023 में शुरू हुई थी कंपनी
डीपसीक (DeepSeek) एक चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी है, जिसकी स्थापना 2023 में हांगझोउ, झेजियांग, चीन में हुई थी। कंपनी के संस्थापक और सीईओ लियांग वेनफेंग हैं, और इसे चीनी हेज फंड हाई-फ्लायर द्वारा वित्तपोषित किया गया है। deepseek abliteration
डीपसीक ने ओपन-सोर्स बड़े भाषा मॉडल (LLM) विकसित किए हैं, जो कम लागत और कम संसाधनों के साथ चैटजीपीटी (ChatGPT) के समान कार्यक्षमता प्रदान करते हैं। 10 जनवरी 2025 को, कंपनी ने अपना पहला मुफ्त चैटबॉट ऐप जारी किया, जो 27 जनवरी तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आईओएस ऐप स्टोर पर सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला मुफ्त ऐप बन गया, जिससे एनवीडिया के शेयर मूल्य में 18% की गिरावट आई।
डीपसीक के मॉडल ओपन-सोर्स हैं, जिसका अर्थ है कि उनका कोड मुफ्त में उपयोग, संशोधन और देखने के लिए उपलब्ध है। कंपनी शीर्ष चीनी विश्वविद्यालयों से युवा AI शोधकर्ताओं की भर्ती करती है और अपने मॉडलों के ज्ञान और क्षमताओं में विविधता लाने के लिए कंप्यूटर विज्ञान के बाहर से भी लोगों को नियुक्त करती है।
डीपसीक के नवीनतम मॉडल, जैसे डीपसीक-वी3, ने इन्फरेंस गति में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है और विभिन्न बेंचमार्क में अन्य ओपन-सोर्स और क्लोज्ड-सोर्स मॉडलों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
डीपसीक की सफलता ने वैश्विक AI उद्योग में एक नई प्रतिस्पर्धा की शुरुआत की है, जिसमें कम लागत और उच्च प्रदर्शन वाले AI मॉडल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
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DeepSeek की शुरुआत 2023 में हुई थी. इसके CEO लियांग वेनफेंग हैं. वह हाई-फ्लायर नामक एक हेज फंड के संस्थापक थे. इसी फंड ने DeepSeek की पूरी फंडिंग की है. कंपनी ने 2022 में Nvidia से लगभग 10,000 हाई परफॉर्मेंस वाली A100 ग्राफिक प्रोसेसर चिप खरीदी थीं. इसकी मदद से वह अपना पहला AI सिस्टम बनाने में सफल रही. इसके बाद अमेरिका ने चीन को ये चिप देने पर प्रतिबंध लगा दिया. अब DeepSeek ने कहा है कि उसका हालिया AI मॉडल Nvidia की लॉ-परफॉर्मिंग H800 चिप की मदद से बना है. इसे अमेरिका को एक जवाब माना जा रहा है.
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किफायती AI मॉडल बनाकर सबको चौंकाया
DeepSeek के AI असिस्टेंट ने डाउनलोडिंग के मामले में OpenAI के ChatGPT को पीछे छोड़ दिया है. यह अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में Apple App Store पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली ऐप्स में शीर्ष पर पहुंच गया है. इस मॉडल पर आए खर्च ने दुनिया को चौंका दिया है. DeepSeek का कहना है उसका लेटेस्ट AI मॉडल महज 5.6 मिलियन डॉलर में बनकर तैयार हो गया है. यह खर्च इतना कम है कि कई लोग इस पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. इतनी कम लागत ने अमेरिकी कंपनियों को भी शक के दायरे में ला दिया है, जो AI के नाम पर भारी-भरकम निवेश कर रही हैं. पिछले हफ्ते रिलीज हुए DeepSeek-R1 को यूज करना काम के आधार पर OpenAI के o1 मॉडल की तुलना में 20-50 गुना सस्ता है.
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अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट
मेटा ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि वह AI के विकास पर 65 बिलियन डॉलर खर्च करेगी. OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने पिछले साल कहा था कि AI इंडस्ट्री को अरबों-खरबों के निवेश की जरूरत है. अब चीनी कंपनी ने एक सस्ता मॉडल लाकर इन घोषणाओं और अनुमानों को शक के दायरे में ला दिया है. इसका असर कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा है. सस्ते AI मॉडल की खबर सामने आने के बाद अमेरिकी बाजार में Nasdaq में 3.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, वहीं S&P 500 1.5 प्रतिशत तक टूट गया था. अमेरिका के साथ-साथ दुनियाभर के बाजारों पर इसका असर देखने को मिला.
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चीन को फिर मुकाबले में लेकर आई DeepSeek
ChatGPT के साथ AI मॉडल की रेस में अमेरिका सबसे आगे था. चीन ने इसके मुकाबले में Ernie बॉट उतारा था. इसे बायडू ने तैयार किया था, लेकिन यह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया. उस समय कहा गया था कि चीनी कंपनियों के लिए इस क्षेत्र में अमेरिका को टक्कर देना मुश्किल है, लेकिन अब DeepSeek ने यह बाजी पलट दी है. इसकी क्वालिटी और कम कीमत ने चीन को एक बार फिर मुकाबले में ला खड़ा किया है. DeepSeek का कहना है कि उसके V3 और R1 मॉडल OpenAI और मेटा के सबसे एडवांस्ड मॉडल के मुकाबले के हैं.
चीनी सरकार खुश
DeepSeek की कामयाबी चीनी सरकार के लिए भी एक बड़ी सफलता की तरह आई है. अमेरिका से तमाम प्रतिबंधों के बावजूद DeepSeek वहां की कंपनियों को टक्कर दे रही है. इसे चीनी सरकार को भी राहत की सांस मिली है. DeepSeek-R1 मॉडल की लॉन्चिंग के दिन यानी 20 जनवरी को कंपनी के सीईओ लियांग ने चीन के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की थी. दूसरी तरफ इसने डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ा दी है. उन्होंने इसे अमेरिकी कंपनियों के लिए ‘वेकअप कॉल’ करार दिया है.
भारत में कंपनी की राह मुश्किल
DeepSeek अभी भले ही पूरी दुनिया में सुर्खियों में बना हुआ है, लेकिन भारत में इसकी राह मुश्किल होने वाली है. दरअसल, सरकार चीनी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम करना चाहती है और अभी भारतीय कंपनियां अमेरिका से ही GPU और अन्य AI टेक्नोलॉजी आयात कर रही हैं. भारत सरकार पहले ही टिकटॉक समेत कई ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है और वह देश में Huawei और ZTE जैसी चीनी कंपनियों के इक्विपमेंट पर भी बैन लगा चुकी है. ऐसे में भारत में अपने पैर फैलाना DeepSeek के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है.
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Deepseek Ai Stocks Price: चीन ने पेश किया नया AI मॉडल, टेक बाजार में मचा हड़कंप, एनवीडिया को $600 बिलियन का बड़ा नुकसान हुआ, उद्योग में आशंका का माहौल बढ़ा
China’s DeepSeek AI market rout: चीन की डीपसीक द्वारा विकसित एआई मॉडल ने अमेरिकी टेक शेयरों को बड़ा झटका दिया है. एनवीडिया, जो सेमीकंडक्टर और एआई इंडस्ट्री में प्रमुख भूमिका निभाती है, के शेयर वॉल स्ट्रीट पर 17% तक गिर गए, जिससे कंपनी के बाजार मूल्य में करीब 600 बिलियन डॉलर की कमी आई. इसके चलते टेक-समृद्ध नैस्डैक इंडेक्स भी 3% से अधिक गिरावट के साथ बंद हुआ.

अब एक ऐसा मोड़ आ गया है कि लगता है कि चाइनीज एआई टूल डीपसीक शुरू होते ही खत्म हो जाएगा। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यह चीन से जुड़े सवालों को फिल्टर कर रहा है और सही जानकारी नहीं दे रहा है। यहां कुछ सवाल हैं जिन्हें चैटजीपीटी और डीपसीक दोनों से पूछे गए हैं। दोनों के उत्तर आप खुद देख सकते हैं…
DeepSeek और ChatGPT के उत्तरों की तुलना
सवाल- विनी द पूह का चीन में क्या मतलब है?
ChatGPT का उत्तर: विनी द पूह चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर व्यंग्य और आलोचना का प्रतीक बन गया है। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने उनकी शारीरिक समानता को लेकर पूह के साथ तुलना शुरू की, जो बाद में राजनीतिक व्यंग्य का माध्यम बन गया।
DeepSeek का उत्तर: विनी द पूह एक प्यारा कार्टून किरदार है जिसे चीन में बच्चों और परिवारों द्वारा पसंद किया जाता है। इसके बाद, जवाब अचानक यह कहते हुए खत्म हुआ कि चीनी सरकार “अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ साइबरस्पेस प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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सवाल- अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?
दोनों एआई चैटबॉट ने गलत उत्तर दिया- जो बाइडेन। दरअसल दोनों का डेटा अक्टूबर 2023 में अपडेट हुआ था, इसलिए यहां गलती हुई, हालांकि दोनों ने उपयोगकर्ताओं को सलाह दी कि वे अपडेटेड स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें।
सवाल- 1989 में बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर क्या हुआ था?
ChatGPT का उत्तर: इसने इसे “आधुनिक चीनी इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और दुखद घटनाओं में से एक” बताया। इसने विरोध के कारण, सैकड़ों से हजारों तक माने जाने वाले मौतों और घटना की विरासत के बारे में विस्तार से बताया।
DeepSeek का उत्तर: “माफ करें, यह मेरे दायरे से बाहर है। चलिए किसी और विषय पर बात करते हैं।”
सवाल- अमेरिका-चीन संबंधों की स्थिति क्या है?
DeepSeek का उत्तर: इसका उत्तर चीनी आधिकारिक बयान के अनुरूप था। इसने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध “दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक” हैं।
ChatGPT का उत्तर: इसने अमेरिका-चीन संबंधों को जटिल बताया, जिसमें आर्थिक सहयोग, भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग शामिल है। उत्तर में ताइवान, दक्षिण चीन सागर और प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता जैसे विषयों का भी जिक्र किया गया।
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सवाल- क्या ताइवान चीन का हिस्सा है?
DeepSeek का उत्तर: यह चीनी सरकारी रुख को दर्शाता है, जिसमें कहा गया कि ताइवान प्राचीन काल से चीन का अभिन्न हिस्सा रहा है।
ChatGPT का उत्तर: इसने कहा कि यह सवाल दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। इसने चीन और ताइवान के दृष्टिकोण के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय भी पेश की।
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