Battle of Galwan : सिकंदर की बॉक्स ऑफिस पर फीकी परफॉर्मेंस के बाद, सुपरस्टार सलमान खान ने शुक्रवार को अपने अगले प्रोजेक्ट की घोषणा की। सलमान ने अपनी नई बॉलीवुड फिल्म ‘Battle of Galwan’ का फर्स्ट लुक शेयर किया, जिससे फैंस के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
सलमान खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का मोशन पोस्टर शेयर किया। पोस्टर में वह खून से सने हुए नजर आ रहे हैं, उनके चेहरे और हाथों पर गहरे जख्म हैं, और वह कांटों से भरी लकड़ी की छड़ी को मजबूती से पकड़े हुए हैं। पोस्टर में उनका लुक बेहद दमदार है—चेहरे पर मूंछें और आंखों में गुस्से से भरी आग दिखाई दे रही है। इस मोशन पोस्टर पर एक लाइन लिखी है:
“समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर, भारत ने अपनी सबसे क्रूर लड़ाई बिना एक भी गोली चलाए लड़ी।”
Check out the first look of Battle of Galwan:
15 जून 2020 की रात इतिहास के पन्नों में एक ऐसी तारीख बन गई, जिसे कोई भारतीय कभी नहीं भूल सकता। गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच जो झड़प हुई, वह सिर्फ एक सीमा संघर्ष नहीं था—यह भारतीय वीरता और शौर्य की वह गाथा थी, जिसने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब किसी भी चुनौती से पीछे हटने वाला नहीं है।
गलवान घाटी कहाँ है और इसका महत्व क्या है?
गलवान घाटी लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है, जो भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास आती है। यह इलाका सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है क्योंकि यहीं से चीन की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकती है। भारत की तरफ से इस क्षेत्र में निर्माण कार्य—जैसे सड़क और पुल—होने से चीन असहज महसूस कर रहा था, और यहीं से संघर्ष की जड़ें शुरू होती हैं।
लड़ाई कैसे शुरू हुई?
मई 2020 से ही गलवान क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा था। चीन की सेना ने LAC के पार अपनी मौजूदगी बढ़ानी शुरू कर दी थी और टेंट, उपकरण और निर्माण गतिविधियां शुरू कर दी थीं। भारत ने इसका विरोध करते हुए क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की।
15 जून 2020 की रात, जब भारत के सैनिकों की एक टुकड़ी इलाके का निरीक्षण करने गई, तो चीनी सेना ने अचानक हमला कर दिया। यह लड़ाई पारंपरिक हथियारों से नहीं लड़ी गई, बल्कि पत्थरों, कीलों वाली छड़ों और लाठियों से की गई। घंटों चले इस संघर्ष में भारत के 20 वीर जवान शहीद हो गए, जिनमें कर्नल बी. संतोष बाबू भी शामिल थे।
भारत के जवानों की वीरता
Battle of Galwan : भारतीय सैनिकों ने अद्भुत साहस और संयम दिखाया। बिना गोली चलाए, उन्होंने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सेना को भी भारी नुकसान हुआ, हालांकि चीन ने आधिकारिक रूप से सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की पुष्टि की।
कर्नल संतोष बाबू और उनके साथी जवानों की शहादत ने पूरे देश को गर्व से भर दिया। भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कारों से नवाज़ा। उनका बलिदान हर भारतीय के दिल में एक गहरी छाप छोड़ गया।

इसके बाद क्या हुआ?
गलवान की लड़ाई के बाद भारत ने हर मोर्चे पर कड़ा रुख अपनाया। न सिर्फ सैन्य स्तर पर तैयारियां तेज़ की गईं, बल्कि चीन के 200+ मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया। बॉर्डर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।
भारत और चीन के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत हुई, लेकिन विश्वास की कमी और तनाव का माहौल अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
गलवान की लड़ाई हमें यह सिखाती है कि जब बात देश की अखंडता और संप्रभुता की हो, तो भारत किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटता। हमारे जवानों का साहस, बलिदान और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
यह सिर्फ एक लड़ाई नहीं थी, यह भारत की मिट्टी से जुड़े हर नागरिक के आत्मसम्मान की रक्षा थी। और इसमें हमारे वीर जवानों ने जो लिखा, वो इतिहास में अमर रहेगा।