प्रस्तावना
हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और गौरव के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जब 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया और एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बना। 2025 का गणतंत्र दिवस इस गौरवशाली परंपरा का 75वां वर्ष होगा, जो भारतीय लोकतंत्र और संविधान की ताकत का प्रतीक है।
भारत का गणतंत्र बनने की यात्रा
1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। लेकिन, स्वतंत्रता के बाद भारत को अपने देश के शासन और प्रबंधन के लिए एक सशक्त और व्यवस्थित संविधान की आवश्यकता थी। इसके लिए, 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की स्थापना हुई, जिसमें देश के प्रमुख नेताओं और विचारकों ने मिलकर भारतीय संविधान का निर्माण किया।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान मसौदा समिति ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में संविधान का प्रारूप तैयार किया। 26 नवंबर 1949 को इसे संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे औपचारिक रूप से लागू किया गया।
26 जनवरी को ही संविधान लागू करने के लिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने “पूर्ण स्वराज” (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। यह तारीख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में पहले से ही महत्वपूर्ण थी।
संविधान की विशेषताएँ
भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित है और इसमें भारत की विविधता को ध्यान में रखते हुए अद्वितीय विशेषताएँ जोड़ी गई हैं।
- लोकतंत्र: भारतीय संविधान हर नागरिक को समान अधिकार और मताधिकार प्रदान करता है।
- संप्रभुता: भारत अपने सभी निर्णय स्वतंत्र रूप से लेने में सक्षम है।
- पंथनिरपेक्षता और समाजवाद: भारत का संविधान सभी धर्मों और समाज के सभी वर्गों के प्रति समानता सुनिश्चित करता है।
गणतंत्र दिवस का उत्सव
गणतंत्र दिवस हर साल नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (राजपथ) पर भव्य परेड के साथ मनाया जाता है। इस परेड में देश की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और वैज्ञानिक प्रगति का प्रदर्शन किया जाता है।
- राष्ट्रपति की सलामी: भारत के राष्ट्रपति इस दिन परेड की सलामी लेते हैं।
- झांकियाँ: विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक झांकियाँ भारत की विविधता में एकता को दर्शाती हैं।
- वीरता पुरस्कार: इस दिन बच्चों और सैनिकों को उनके अद्वितीय साहस के लिए सम्मानित किया जाता है।
गणतंत्र दिवस 2025 का महत्व
2025 में भारत के गणतंत्र दिवस का 75वां वर्ष होगा। यह अवसर न केवल हमारे इतिहास को याद करने का है, बल्कि यह हमें अपने संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का मौका भी देता है। यह समय है कि हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें और एक सशक्त और प्रगतिशील भारत के निर्माण में योगदान दें।
निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों का प्रतीक है। 2025 में, जब हम इस ऐतिहासिक दिन को मनाएंगे, तो हमें अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के बलिदानों को याद करना चाहिए और एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित होना चाहिए।
“जय हिंद!”